Super 30 Anand Kumar Biography, पिता का संघर्ष और प्रेरणा, आनंद पापड़, गरीब बच्चों की शिक्षा, सुपर 30 फिल्म, Anand Kumar Motivation Story
परिचय
हर महान इंसान के जीवन में संघर्ष, हार, और कठिन परिस्थितियां होती हैं। लेकिन वही लोग इतिहास बनाते हैं, जो मुश्किलों के बावजूद हार नहीं मानते। आनंद कुमार, एक ऐसे शिक्षक और गणितज्ञ हैं जिन्होंने अपने संघर्ष को ताकत बनाया और लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन गए। उनकी संस्था “सुपर 30” आज दुनिया भर में एक मिसाल है।
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पिता का संघर्ष और प्रेरणा
आनंद कुमार के पिता डाक विभाग में एक छोटे कर्मचारी थे। आय सीमित थी, लेकिन सोच बड़ी। वह हमेशा अपने बच्चों को कहते –
“पढ़ाई सबसे बड़ा हथियार है, बेटा। अगर पढ़ाई कर लोगे तो कोई ताकत तुम्हें रोक नहीं सकती।”
इन्हीं शब्दों ने आनंद को मजबूती दी। जब परिस्थितियाँ बहुत खराब हुईं, तब भी पिता ने हार नहीं मानी और बेटे को हमेशा हिम्मत देते रहे।
गरीबी में बीता बचपन
आनंद का बचपन पटना के एक छोटे से किराए के मकान में बीता। परिवार बड़ा था लेकिन संसाधन सीमित।
- पढ़ाई करने के लिए जगह नहीं थी।
- वे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते थे।
- रात में लालटेन या स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते थे।
गरीबी के बावजूद उनकी लगन कम नहीं हुई। यह वही दौर था जब उन्होंने समझा कि “जिंदगी बदलने का असली हथियार शिक्षा है।”
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कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का अवसर
मैथ्स में गहरी रुचि और रिसर्च के कारण आनंद ने कुछ नए फ़ॉर्मूले खोज निकाले। उनके रिसर्च पेपर्स लंदन और अमेरिका के जर्नल्स में प्रकाशित हुए।
इसी वजह से उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से ऑफर मिला।
परिवार बेहद खुश था, लेकिन पैसा न होने की वजह से वह सपना अधूरा रह गया।
पिता का आकस्मिक निधन – जीवन का सबसे बड़ा झटका

कैम्ब्रिज जाने का सपना टूटने के कुछ ही समय बाद उनके पिता का अचानक निधन हो गया।
- घर पर खाने के लाले थे।
- मां और भाई बेहद परेशान।
- परिवार का सहारा छिन गया।
आनंद कहते हैं:
“उस दिन लगा जैसे सब खत्म हो गया, लेकिन पिताजी के शब्द याद आए – कभी हार मत मानना।”
संघर्ष के दिन और “आनंद पापड़”
पिता की मृत्यु के बाद मां ने कहा –
“बेटा, मैं पापड़ बनाऊंगी और तुम उन्हें बेचने में मदद करना। हारना मत।”
यही से शुरू हुआ “आनंद पापड़”।
आनंद और उनके भाई गली-गली घूमकर पापड़ बेचते थे। यह दौर कठिन जरूर था, लेकिन आत्मनिर्भरता और संघर्ष की सीख भी यही से मिली।
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सुपर 30 की शुरुआत
आनंद ने सोचा कि अगर विदेश नहीं जा सकते तो क्यों न यहीं से शुरुआत करें।
- शुरुआत स्लम के दो बच्चों से की।
- धीरे-धीरे छात्र बढ़ने लगे।
- गरीब बच्चों से नाममात्र की फीस ली जाती थी।
- कई छात्रों को पूरी तरह मुफ्त पढ़ाया गया।
इसी बीच “30 छात्रों” को चुनकर उन्हें IIT-JEE के लिए ट्रेन करने का विचार आया। यहीं से जन्म हुआ सुपर 30 प्रोग्राम का।
उनकी मां घर पर बच्चों के लिए खाना बनाती थीं और आनंद उन्हें पढ़ाते थे।
👉 देखें: Super 30 Official Website
छात्रों की सफलता की कहानियां

सुपर 30 की असली पहचान उसके छात्रों की सफलता से बनी।
- पहले साल 30 में से 18 छात्र IIT में सफल हुए।
- धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर 30 में से 30 तक पहुँच गई।
- अब तक 480 में से 422 छात्र IIT में प्रवेश पा चुके हैं।
अभिषेक (नालंदा से)
- गरीब परिवार से आने वाला अभिषेक खुद पढ़ाई करता था।
- सुपर 30 से जुड़ने के बाद IIT Kharagpur में प्रवेश लिया।
- आज USA में एक बड़ी कंपनी में नौकरी कर रहा है।
धनंजय
- पैसे न होने के कारण ट्रेन में बिना टिकट पटना पहुँचा।
- सुपर 30 से पढ़ाई की और IIT में एडमिशन मिला।
- आज अमेरिका की एक MNC में नौकरी कर रहा है।
प्रेमपाल
- गरीबी के कारण पेड़ के नीचे रहना पड़ा।
- सुपर 30 में पढ़ाई कर ISRO में वैज्ञानिक बने।
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पहचान और सम्मान
सुपर 30 ने आनंद कुमार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
- BBC, Discovery और National Geographic ने उन पर डॉक्यूमेंट्री बनाई।
- टाइम मैगजीन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने कवर किया।
- कई देशों के नेता और संस्थाएँ उनसे मिलने आए।
हालांकि राजनीति में आने का ऑफर भी मिला, लेकिन आनंद ने साफ कहा –
“मैं पहले और आखिरी सांस तक शिक्षक ही रहूंगा।”
फिल्म ‘सुपर 30’

कनाडाई लेखक बीजू मैथ्यू ने उनकी बायोग्राफी लिखी।
इसके बाद बॉलीवुड ने उनकी कहानी पर फिल्म बनाई –
- फिल्म का नाम: Super 30
- मुख्य भूमिका: ऋतिक रोशन
- रिलीज़: 12 जुलाई 2019
- यह फिल्म युवाओं के लिए मोटिवेशन बनी।
👉 देखें: Super 30 on IMDb
आनंद कुमार का अंतिम संदेश
आनंद कुमार हमेशा यही कहते हैं:
- कभी हार मत मानो।
- परिस्थिति चाहे जितनी खराब हो, हिम्मत और धैर्य रखो।
- मेहनत से सब कुछ संभव है।
उनकी सबसे मशहूर लाइन है –
“अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वही बनेगा जो हकदार होगा।”
FAQs – सुपर 30 और आनंद कुमार की कहानी
Q1: सुपर 30 प्रोग्राम क्या है?
Ans: यह एक शैक्षणिक प्रोग्राम है जिसमें हर साल 30 गरीब और प्रतिभाशाली छात्रों को चुना जाता है और IIT-JEE की मुफ्त तैयारी कराई जाती है।
Q2: आनंद कुमार कौन हैं?
Ans: आनंद कुमार पटना के शिक्षक और गणितज्ञ हैं। उन्होंने सुपर 30 प्रोग्राम की शुरुआत की, जो आज वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है।
Q3: अब तक कितने छात्र सफल हुए हैं?
Ans: लगभग 480 में से 422 छात्र IIT में प्रवेश पा चुके हैं।
Q4: सुपर 30 फिल्म में किसने अभिनय किया?
Ans: फिल्म में आनंद कुमार का किरदार ऋतिक रोशन ने निभाया।
Q5: सुपर 30 में पढ़ाई मुफ्त है?
Ans: हाँ, चुने गए छात्रों को पढ़ाई, रहना और खाना सब मुफ्त मिलता है।





